Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन पर दो संयोग भाई-बहन के लिए शुभ, जानें राखी बांधने का सही तरीका
इस साल रक्षा बंधन के दिन विशेष संयोग बन रहा है। रक्षा बंधन के दिन इस साल सावन पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। राखी पर बनने वाले ये तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए लाभकारी साबित होंगे। 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा। यह योग शुभ फलदायी होता है। इसके साथ ही रक्षा बंधन के दिन रात 07 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा योग रहेगा।
शोभन योग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शोभन योग को शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस योग में शुरू की गई यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है।
धनिष्ठा नक्षत्र का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल हैं। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में जन्मा जातक भाई-बहन के प्रति विशेष लगाव रखता है। खास बात यह है कि रक्षा बंधन का त्योहार भी भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग बहुमुखी प्रतिभा और बुद्धि के धनी होते हैं।
राखी बांधने का सही तरीका
ज्योतिषियों के अनुसार, राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहनों को पूजा की थाली में चावल, रौली, राखी, दीपक आदि रखना चाहिए। इसके बाद बहन को भाई के अनामिका अंगुली से तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत लगाएं। अक्षत अखंड शुभता को दर्शाते हैं। उसके बाद भाई की आरती उतारनी चाहिए और उसके जीवन की मंगल कामना करनी चाहिए। कुछ जगहों पर भाई की सिक्के से नजर उतारने की भी परंपरा है।
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