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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

HAPPY FRIENDSHIP DAY

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    HAPPY FRIENDSHIP DAY           अंतरराष्ट्रीय  या फ्रैंडशिप डे हर वर्ष अगस्‍त के पहले रविवार को मनाया जाता है। सर्वप्रथम मित्रता दिवस 1958 को आयोजित किया गया था।  World Friendship Day दोस्ती मनाने के लिए एक खास दिन है। यह दिन कई दक्षिण अमेरिकी देशों में बहुत लोकप्रिय उत्सव हो गया था जबसे पहली बार 1958 में पराग्वे में इसे 'अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस' के रूप में मनाया गया था। शुरुआत में ग्रीटिंग कार्ड उद्योग द्वारा इसे काफी प्रमोट किया गया, बाद में सोशल नेटवर्किंग साइट्स के द्वारा और इंटरनेट के प्रसार के साथ साथ इसका प्रचलन, विशेष रूप से भारत, बांग्लादेश और मलेशिया में फैल गया। इंटरनेट और सेल फोन जैसे डिजिटल संचार के साधनों ने इस परंपरा को को लोकप्रिय बनाने में बेहद मदद की।  Friendship Day का विचार पहली बार 20 जुलाई 1958 को डॉ रामन आर्टिमियो ब्रैको द्वारा प्रस्तावित किया गया था | दोस्तों की इस बैठक में से, वर्ल्ड मैत्री क्रूसेड का जन्म हुआ था। द वर्ल्ड मैत्री क्रूसेड एक ऐसी नींव है जो जाति, रंग या धर्म के बावजूद सभी मनुष्यों के बीच दोस्ती और फैलोशिप को बढ़ावा देती है।तब से

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

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जन्माष्टमी आधिकारिक नाम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अनुयायी   हिन्दू ,भारतीय, नेपाली और भारतीय प्रवासी प्रकार Hindu उद्देश्य भगवान कृष्ण के आदर्शों को याद करना उत्सव प्रसाद बाँटना, भजन गाना इत्यादि अनुष्ठान श्रीकृष्ण की झाँकी सजाना व्रत व पूजन आरम्भ अति प्राचीन तिथि भाद्रपद माह की  कृष्ण पक्ष  की अष्टमी समान पर्व  राधा अष्टमी,  कृष्णाष्टमी कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण जो की विष्णु के आठवे अवतार थे उनका जनमोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में जन्म लिया। इसलिये भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि दे

रक्षाबंधन पर 10 लाइन निबंध। 10 lines about raksha bandhan in hindi

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रक्षाबंधन का त्यौहार हिन्दू मान्यताओं के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है। ये त्यौहार मूलतः भाई और बहन को समर्पित है। इस त्यौहार से जुड़े छोटे निबंध जैसे ‘रक्षा बंधन पर 10 लाइन निबंध‘ स्कूल में पूछे जाते है। इसलिए आज हम आपके लिए ‘10 lines about raksha bandhan in hindi’ ले कर आये है।   रक्षा बंधन हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है।  रक्षाबंधन को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है।  यह भाई बहन का त्यौहार है।  यह त्यौहार सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।  इस दिन बहने अपने भाई को राखी बांधती है, और भाई अपनी बहनो को रक्षा का वचन देता है।  इस दिन घरों में ढेर सारे पकवान बनाये जाते है।  इस दिन लोग नए नए कपडे पहनते है।  इस दिन बहनो को भाई उपहार भी देते है।  महीने भर पहले से ही बाज़ारों में सुन्दर राखिया बिकने लगती है।  इस त्यौहार को भारत और विदेशो में भी मानते है। प्रस्तावना   रक्षाबंधन हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यदि हम अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार देखे तो ये त्यौहार जुलाई अंत और अगस्त के प्रारम्भ में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। सावन का महीना भगवान् शिव को समर्पित

Raksha Bandhan 2021: रक्षा बंधन पर दो संयोग भाई-बहन के लिए शुभ, जानें राखी बांधने का सही तरीका

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 इस साल रक्षा बंधन के दिन विशेष संयोग बन रहा है। रक्षा बंधन के दिन इस साल सावन पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। राखी पर बनने वाले ये तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए लाभकारी साबित होंगे। 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा। यह योग शुभ फलदायी होता है। इसके साथ ही रक्षा बंधन के दिन रात 07 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा योग रहेगा। शोभन योग का महत्व   ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शोभन योग को शुभ कार्यों और यात्रा पर जाने के लिए उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस योग में शुरू की गई यात्रा मंगलमय एवं सुखद रहती है। धनिष्ठा नक्षत्र का महत्व वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल हैं। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में जन्मा जातक भाई-बहन के प्रति विशेष लगाव रखता है। खास बात यह है कि रक्षा बंधन का त्योहार भी भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग बहुमुखी प्रतिभा और बुद्धि के धनी होते हैं। राखी बांधने का सही तरीका ज्योतिषियों के अनुसार, राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की